इंतज़ार में तेरे ,शब्द मोती से बन गए
ये है तेरी दुआ ........या उसकी मेहर है
कि तुझसे मिला ....ये उसका असर है
जानते है सब ............सबको खबर है
पर तू जान के भी .......क्यों बेखबर है
ये है तेरी दुआ ......या उसकी मेहर है
इकरार में तेरे ......मौसम बदल गए
ये है तेरी दुआ ........या उसकी मेहर है
कि तुझसे मिला ....ये उसका असर है
जानते है सब ............सबको खबर है
पर तू जान के भी .......क्यों बेखबर है
ये है तेरी दुआ ......या उसकी मेहर है
इकरार में तेरे ......मौसम बदल गए
पर तू भोर मेरा ........तू दोपहर है
की हूँ आज तनहा.... तू हमसफ़र है
एक झील था मैं.........तू एक लहर है
सब मुझको देखें ......तू मेरी नज़र है
ये है तेरी दुआ .....या उसकी मेहर है
thanks vandana ji
ReplyDeletebahut aabhaar
and good wishes
Bhut sunder rchna likhi haae ..aek hindi ka vejet lagaae ? comment karne me suvidha rahegi
ReplyDeleteबहुत आभार आपका दर्शन जी
ReplyDeleteमैं हिंदी रूपांतरण के लिए widget लगा लेता हूँ
आपका पुनः बहुत धन्यवाद
bahut good wishes
बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeletebahut khub...
ReplyDeletebahut achaa likh rahe hain aap jkaari rakhen kavitaaon ke aur bhi blog padhen
ReplyDeleteदुआ भी मेहर भी लहर भी असर भी ... कोई नहीं रह सकता बेअसर , जब शब्दों की जुम्बिशें हो
ReplyDelete