समुंदर की लहर को दूर से देखकर
अच्छा लगता है यूँ किनारे टहलना
प्यास बुझ ना पाएगी उससे कभी
पर अच्छा लगता है यूँ सपने बुनना
मोतियों के लिए गोते लगाने होंगे
पर अच्छा लगता है यूँ सिप चुनना
रिश्ते कोई नहीं है उस शक्तिमान से
पर अच्छा लगता है दिल से जुडना
वो अगर है कितना भी शूर वीर
सपने में होता है रोज़ मिलना
वो समा जाता है मेरे मन में
और काव्य की हो जाती है सरंचना
अच्छा लगता है यूँ किनारे टहलना
प्यास बुझ ना पाएगी उससे कभी
पर अच्छा लगता है यूँ सपने बुनना
मोतियों के लिए गोते लगाने होंगे
पर अच्छा लगता है यूँ सिप चुनना
रिश्ते कोई नहीं है उस शक्तिमान से
पर अच्छा लगता है दिल से जुडना
वो अगर है कितना भी शूर वीर
सपने में होता है रोज़ मिलना
वो समा जाता है मेरे मन में
और काव्य की हो जाती है सरंचना
....nishant
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