मेरे ख्वाब मुझे दूर बहुत दूर ले चलो ,
जहाँ "मैं " न रहे कहीं ,ओ ! हुज़ूर ले चलो
या बना दो इक तश्वीर ,बसा दो इक शहर
तुम मेरे रंग और काग़ज़ बदस्तूर ले चलो
तुम जाना लहर में बिन नाव , लेकिन मेरे अज़ीज़
अपने साथ मेरी दुआयें भरपूर ले चलो
तुम मेरे गुरूर को फ़ना कर दो मगर सुन लो
मेरे घर में है रब का ज़रा सा नूर , ले चलो
नीम और मधु में कोई भेद क्या हो "नील "
है हर चरागारी हमें मंज़ूर ,ले चलो
जहाँ "मैं " न रहे कहीं ,ओ ! हुज़ूर ले चलो
या बना दो इक तश्वीर ,बसा दो इक शहर
तुम मेरे रंग और काग़ज़ बदस्तूर ले चलो
तुम जाना लहर में बिन नाव , लेकिन मेरे अज़ीज़
अपने साथ मेरी दुआयें भरपूर ले चलो
तुम मेरे गुरूर को फ़ना कर दो मगर सुन लो
मेरे घर में है रब का ज़रा सा नूर , ले चलो
नीम और मधु में कोई भेद क्या हो "नील "
है हर चरागारी हमें मंज़ूर ,ले चलो