Monday, May 2, 2011

प्रेम ही जीवन का ध्येय है



प्रेम दया है ..प्रेम कृपा है 

प्रेम दुआ है ...प्रेम दवा है

प्रेम से ही है सृष्टि सारी

प्रेम की ही जीत सदा है


प्रेम वीरता ...प्रेम धैर्य है

प्रेम दृढ़ता ... प्रेम शौर्य है

प्रेम ही भक्ति. ..प्रेम मोक्ष है

प्रेम ही जीवन का ध्येय है

2 comments:

  1. ाउर आजकल लोग शायद ये सारे मतलव भूल गये हैं। बहुत अच्छी रचना। बधाई।

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  2. बहुत सुन्दर प्रेममय कविता !

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